चन्द्रमा भी जल-प्रधान ग्रह है और वरुण के सम्बन्ध में कहा जाता है कि इसका सम्बन्ध चन्द्रमा से है, इसलिए जिन मूल अंकों का स्वामी चन्द्रमा है, उनमें और वरुण ग्रह वाले अंकों में सहानुभूति बनी रहती है। जो व्यक्ति किसी भी महीने की 7, 16, 25 तारीख को पैदा हुए हैं, वे इस ग्रह से प्रभावित होते है। मूल अक दो’ का स्वामी ग्रह चन्द्रमा होता है। अतः 2 मूल अंक वाले व्यक्तियों की 7 मूल अंक वाले व्यक्तियों से सहानुभूति और अच्छी मित्रता होती
- मूल अंक 7
- जन्म तारीखें : 7, 16 और 25 अक का स्वामी ग्रह : वरुण (Neptune)
- विशिष्ट समय : 21 जून से 20 जुलाई विशिष्ट वार : रविवार और सोमवार
- 1. आप स्वतन्त्र प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। पका व्यक्तित्व सामान्य व्यक्तियों से पूर्णतया पृथक दिखता ह।
- 2. स्वामा ग्रह वरुण होने के कारण आप जलप्रिय हैं, अर्थात आपक यात्रा लाभदायक रहेगी। यदि आप व्यापारी हैं, तो अपने व्यापारिक । विदशा में स्थापित करें। आपको आयात-निर्यात का काम करना
- 3. माग आपके भाग्योदय का है। आप इसमें अवश्य ही उन्नति चाहिए। यही मार्ग आपके भाग्यादय करेंगे।
- 4. अंक ज्योतिष / 55 ते हैं। जल का स्वभाव चञ्चल है। बेनी अनुभव करने लगते हैं। में प्रयत्न करना चाहिए, निकता के कारण ही आप प्रत्येक बात में परिवर्तन चाहते हैं। जल अतः आप भी स्वभावतः एक जगह पड़े-पड़े बेचैनी अनी यदि आप विदेश जा सकते हैं, तो आपको इस सम्बन्ध में प्रयत्न आप अवश्य सफल होंगे।
- 5. आप स्वभावतः मौलिक व्यक्ति हैं। विचारों में मौलिकता है। आप कवि, लेखक या अच्छे चित्रकार भी हा सकते हैं। समय आते ही कोई ऐसा ग्रन्थ लिख डालेंगे, जो आपको ख्याति के शिखर पर पर इस ग्रन्थ में कोई ऐसी विशेषता होगी कि लाग स्वयं इसकी ओर आक
- 6. मौलिक विचारों के कारण आपका मस्तिष्क भी उर्वर है। आप वस्त में कुछ-न-कुछ परिवर्तन करने की सोचते रहते हैं और ऐसा परिवर्तन देते हैं. जो उपयोगी सिद्ध होता है। यदि आपकी मौलिकता और उर्वरा मान आध्यात्मिकता की ओर लग गयी, तो आप दार्शनिक, योगी या उच्च विचारक भी हो सकते है।
- 7. आप अत्यन्त भाग्यशाली हैं, परन्तु यदि आपके पास धन हो, तो उसके प्रति आप विशेष रूप से आकर्षित नहीं होते। आप अपने धन का बहत-सा भाग दान कर सकते हैं या किसी संस्था में लगा देते हैं। जीवन के भौतिक पदार्थों की ओर आपको विशेष लगाव नहीं।
- 8. जिन महिलाओं का मूल अंक 7 होता है, उन्हें अपने भविष्य की चिन्ता रहती है, लेकिन उन्हें ऐसा सहारा मिल जाता है, अर्थात् ऐसे स्थान पर विवाह हो जाता है, जहां उन्हें सुरक्षा और भावी जीवन में सुख प्राप्त हो और पति में भाग्य के ऊंचे-नीचे थपेड़ों को सहन करने की शक्ति हो।
- 9. व्यापार के सम्बन्ध में आपकी मुझ-बूझ काफ़ी गहरी है। इस सम्बन्ध में आपकी योजनाएं भी अच्छी होती हैं। यदि आप उन्हें कार्यरूप में परिणत कर सके, तो आपको अवश्य लाभ होगा।
- 10. धर्म के सम्बन्ध में भी आपके विचार बहुत विचित्र हैं। आप प्रायः धर्म की घिसी-पिटी लकीर पर नहीं चलते। आप किसी ऐसे रहस्यमय धर्म का आविष्कार भी कर सकते हैं, जो भावनाओं या कल्पनाओं पर आधारित होता
- 11. आपका झुकाव गूढ रहस्यों की ओर भी हो सकता है तथा आप भावी वाता को काफ़ी हद तक भाप लेते है।
- 12. आपका व्यक्तित्व चुम्बकीय है। दूसरे व्यक्ति स्वयं आपकी ओर आकृष्ट होते हैं।
- 13. आपका अतीन्द्रिय ज्ञान भी होता है तथा इसीलिए आप लोगों के मन के भावों को भांप लेते हैं। 56 / अंक ज्योतिष
- 1. आपको अधिक भावुक नहीं होना चाहिए और अपना हित-अहित अवश्य सोच लेना चाहिए। मौलिक और उर्वर मस्तिष्क का अर्थ यह नहीं कि आप विचारों को दलते रहें। बहुत जल्दी-जल्दी विचार-परिवर्तन न करें।
- 2. आपको कुछ शारीरिक श्रम भी करना चाहिए, केवल मानसिक कार्यों से ही शरीर को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता।
- 3. समय को पहचानना व उसकी क़द्र करना सीखिये। व्यर्थ के कामों. जैसे मारने ताश खेलने आदि में अपना समय नष्ट न करें।
- 4. आपको चाहिए कि अवसर को पहचानें और तदनुरूप ही कार्य करें।
- 5. आप में इतनी प्रतिभा है कि आपको दूसरों पर आश्रित नहीं रहना चाहिए। आपको चाहिए कि अपना स्वतन्त्र कार्य करें। यदि नौकरी ही करनी हो. तो सरकारी नौकरी के बजाय प्राइवेट नौकरी ही करनी चाहिए, क्योंकि प्राइवेट नौकरी में ही आप अधिक उन्नति कर सकते हैं।
- 6. आपको किसी भी कार्य में असावधानी नहीं करनी चाहिए। सदा जागरूक रहना ही आपके लिए श्रेष्ठ है। जागरूक न रहने पर हानि भी हो सकती है।
- 7. आप धर्म की पुरानी लकीर पर नहीं चलना चाहते, पर अपने पूर्वजों की खिल्ली उड़ाना भी आपको शोभा नहीं देता।
- 8. अपनी पत्नी की अवहेलना न करें। अपनी बुद्धि या मौलिकता के मद में न आयें और उसे उचित मान-सम्मान दें। वह आपको घर के झंझटों से मुक्त रख सकती है। बहुत देर रात तक घर से बाहर रहना भी आपके लिए उचित नहीं है।
- 9. प्यार के मामले में आप इतने सौभाग्यशाली नहीं कि हर स्त्री आपके जाल में फंस जाये। अत: अन्य स्त्रियों को केवल मित्रवत् ही समझें, इससे अधिक सम्पर्क बढाने का प्रयत्न न करें।
- 10. आप ऐसा कोई भी कार्य न करें, जो आपके वश का न हो।
- 11. गुप्त एवं छूत की बीमारियों से बचें। आपको जल्दी ही छूत की बीमारी लग सकती है। इस बीमारी के रोगियों से भी दूर ही रहें।
- 12. आपका पेट ठीक नहीं रहेगा, मन्दाग्नि और क़ब्ज़ की शिकायत प्रायः बना रहगी। अतः इनसे बचने का भी प्रयत्न करें।
- 13. भाग-विलास में अधिक न उलझें, संयम रखें। यदि भोग-विलास में अधिक प्रवृत्त होंगे. तो शारीरिक क्षीणता बढ़ जायगी। चालास वप का आयुक बाद तो विशेष रूप से संभल कर चलें।
- 14. अधिक धूम्रपान और शराब आदि के सेवन से भी बचें। हृदयरोग की सम्भावना बढ़ सकती है।
- 15. आपको चाहिए कि आप नित्य-प्रति एक बिन्द पर एक विषय का चिन्तन कर। इससे आपक भीतर दस पढ़ने-जानने के गुणों का अधिक विकास होगा। अनुकूल एवं प्रतिकूल समय
यदि आपका मूल अंक 7 है, तो आपका 7वां, 16वां, 25वां, 34वां, 43वां 52वां, 61वां, 70वां, 79वां व 88वां वर्ष शुभ है । इसके अतिरिक्त आपको 1.10. 19, 28, 37, 46, 55, 64 व 73 आयु वाले वर्षों से भी लाभ, सुख और सफलता की आशा करनी चाहिए। 7, 16, और 25 तारीखें आपके लिए विशेष शुभ रहेंगी, लेकिन इसके साथ ही आपके लिए 1, 2, 10, 11, 13, 19, 20, 22, 28, 29 तथा 31 तारीखें भी शुभ फलदायक हैं। रविवार तथा सोमवार आपके लिए शुभ हैं, लेकिन यदि इन्हीं दिनों में अनुकूल तारीखें भी हों, तो ये दिन और भी अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। उपयुक्त रंग आपके लिए सफ़ेद और हलके हरे रंग शुभ हैं। आपको प्रायः सफ़ेद कपड़े ही पहनने चाहिए। सर्दियों में भी अधिक काला कपडा नहीं पहनना चाहिए। काले रंग से तो आप जितना बचेंगे, उतना ही अच्छा रहेगा। हलका हरा रंग ही आपकी प्रकृति के अनुकूल है। इसलिए आपको चाहिए कि आप अपने घर में कुछ पौधे व गमले आदि अवश्य रखें और बाग-बगीचों में घूमें। इससे आपके स्वास्थ्य को भी लाभ होगा। अपने ड्राइंगरूम में भी परदे आदि सफ़ेद या हलके हरे रंग के ही लगायें। भाग्यशाली रत्न आपके लिए विशिष्ट रत्न लहसुनिया है। अंग्रेज़ी में इसे Cat’s eyestone कहत है। मोती भी आपके लिए शभ है। मनस्टोन और काई के रंग वाला रत्न भी आप धारण कर सकते हैं। सोने की अंगठी में लहसुनिया इस प्रकार जड़व कर कनिष्ठिका अंगुली में पहनें कि वह आपकी त्वचा कार गुला म पहने कि वह आपकी त्वचा का स्पर्श करता रहे। देवता, ध्यान, मन्त्र एवं व्रत-उपवास आपको नृसिंह देवता की पूजा करनी चाहिए तथा म अंगुली सोने की पूनस्टोन और देवता का पूजा करनी चाहिए तथा मंगलवार का व्रत रखना चाहिए। उस दिन एक समय भोजन करें।
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